लोगों से सच सुना करो |
लोगों को सच कहा करो ||
पहले कुछ हक़ अदा करो |
फिर कोई तुम गिला करो ||
दिलवालों कह गया कोई |
थोड़ी - थोड़ी पिया करो ||
यूँ ही चलती रहे क़लम |
शफ़क़त मुझ पर ख़ुदा करो ||
उतना उसको बुरा लगे |
जितना जिसका भला करो ||
सरख़ुश सब ही रहे यहाँ |
रब से एसी दुआ करो ||
थोड़े ही दिन क़याम है |
मिलते - जुलते रहा करो ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
No comments:
Post a Comment